Thursday 16 November 2017

Ravindra Gangwar quote

गमगीन दुनिया है उल्फत के नजारों की
जिसे देखो यहां सब इश्क के मारे हैं
गम-ए-मोहब्बत को लिए आंखों में
अश्कों से इक नई दास्तां लिखने को तैयार बैठे हैं
जज्बातों को सीने में दफन किए हुए
निकल पड़े हैं मंजिल को अपनी
बस इक उम्मीद के साथ
जिन्दगी के किसी मोड़ पर
महबूब उनका इन्तजार कर रहा होगा
पर वो भूल बैठे हैं
अन्जान हैं जानकर भी
छोड़ कर जाने वाले वापस नहीं आते
बस आती हैं तो उनकी यादें
और फिर गुम हो जाते हैं
उन यादों के साथ
तोड़ कर नाता इस दुनिया से.....

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