गमगीन दुनिया है उल्फत के नजारों की
जिसे देखो यहां सब इश्क के मारे हैं
गम-ए-मोहब्बत को लिए आंखों में
अश्कों से इक नई दास्तां लिखने को तैयार बैठे हैं
जज्बातों को सीने में दफन किए हुए
निकल पड़े हैं मंजिल को अपनी
बस इक उम्मीद के साथ
जिन्दगी के किसी मोड़ पर
महबूब उनका इन्तजार कर रहा होगा
पर वो भूल बैठे हैं
अन्जान हैं जानकर भी
छोड़ कर जाने वाले वापस नहीं आते
बस आती हैं तो उनकी यादें
और फिर गुम हो जाते हैं
उन यादों के साथ
तोड़ कर नाता इस दुनिया से.....
This blog is develope to provide a large content of Poetry, story, shayri and Quotes of different writers at one place.
Thursday, 16 November 2017
Ravindra Gangwar quote
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
आपने इस प्रश्न में ये स्पष्ट नहीं किया है कि आप कौन सी दिल की धुन सुनने की बात कह रहे हैं। वो जो स्टेथोस्कोप से सुनते हैं या वो जो हम तब सु...
-
Is it possible to pick just 70 people and say that they were the most influential politicians in the seven decades of our Independence...
-
आज अपने ग्रुप के सबसे शांत रहने वाले दोस्त को फ़ोन मिलाते हैं। अपने ग्रुप के जोकर को भी दिवाली वाले जोक्स मार-मार के हँसाते हैं। चलो, आज अपने...
No comments:
Post a Comment