धोखेबाजी का समा है, धोखा खाएं आसमां है,
दिल की उमंगें फिर जवां है... दिल की.....२
मैं न जानू दिल कंहाँ है, जमीं पे तेरे निशा है.
धुंधली यादों की हवा है..... धुंधली.....
धोखेबाजी का समा है, धोखा खाएं आसमां है,
दिल की उमंगें फिर जवां है... दिल की..... २
तू जो जाये छुप छुपके, नज़रे मिलाये रुक रुकके,
ऐसी अदाओ पे ही फन्ना है.... ऐसी.....
धोखेबाजी का समा है, धोखा खाएं आसमां है,
दिल की उमंगें फिर जवां है... दिल की..... २
तू जो खुद से दूर भागे, सबकी नज़रों में तू झाके,
ऐसी बेवफाओ का समां है.... दिल्लगी।
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