Friday 1 September 2017

गुलाबी पेंसिल पार्ट -3

आज मुझे "वो" इत्तेफाक से वाटर पॉइंट के पास नज़र आ गई। उसके जूडे में आज एक के बजाय दो पेंसिले थीं। या तो घनी ज़ुल्फ़ों को सँभालने के लिए शायद एक पेंसिल कम पड़ रही थी, या ये इशारा था इस बात का, कि अब तन्हाइयो के सागर से मोहब्बत के जज़ीरे पर आने का वक़्त हो चला है। मुझे देखते ही बत्तीसी दिखाते हुए बोली, "तुम मेरा पीछा तो नही कर रहे मिस्टर? सुनो मेरा बॉयफ्रेंड इसी ऑफिस मे है, तुम्हारी हड्डियों का सुरमा बना कर आँखों में लगा लेगा।"

"हाँ जी! मुझे और काम ही क्या है, आपका पीछा करने की तो सैलरी उठाता हूँ मैं," मैंने जलकर जवाब दिया। ईव टीज़िंग या स्टॉकिंग की बात कोई मज़ाक में भी कहे तो भी मुझे पसंद नहीं था, चाहे फिर "वो" ही क्यों ना हो।

मेरा जवाब सुनकर वो मुँह बनाकर बोली, "कैसे जल कुक्कड़ से हो तुम, नो वंडर तुम्हे कोई बंदी नहीं मिली आजतक।"

"एक्सक्यूज़ मी मिस! अपनी सहेलियों को देखो कितना एडमायर करती हैं मुझे, माना मैकेनिकल से हूँ, पर अपने बंदी वाले डिपार्टमेंट में कभी नाकाबंदी नहीं रहीे," मैंने बड़े जोश से जवाब दिया।

इस बार वो टॉपिक चेंज करते हुए बोली, "अच्छा! आज सुबह कुछ ज़रूरी बात करने को कह रहे थे तुम?"

"अच्छा वो?" मैं पहले मुस्कुराया, फिर थोड़ा ठहर कर बोला, "मैं सोच रहा था...ऑफिस में कब तक ऐसे टुकड़ो में मिलते रहेंगे। चलो कहीं बाहर चलते है, कल वीकेंड भी है और दस्तूर भी ,साथ में डिनर करते है। आई वांट टु टेक यू टू एन अमेजिंग प्लेस, जहाँ की वाइब और फ़ूड दोनों हमारी पसंद के हिसाब से हैं।" हम दोनों ही फूडी थे और उसे भी मेरी तरह भीड़-भाड़ पसंद नहीं थी।

उसकी आँखों मे जैसे आसमान से तारे उतर आए, हल्की सी हैरानी भरी मुस्कान से पूछने लगी, "आर यू ऑफिशली आस्किंग में आउट मिस्टर साहिल?"

"आई गेस आई एम, मिस शिखा!" मुझ जैसे घाघ लड़के को भी शर्म सी आ गई ये कहते हुए।

मेरे चेहरे पर आये हया के रंग शायद उसने नोटिस कर लिए थे, तो मुझे चिढ़ाने के अंदाज़ में बोली, "मेरे तो बहुत चाहने वाले हैं, आपको इक़रार और बाकियों को इनकार करने की कोई माक़ूल वजह दीजिये मुझे।"

मैंने उसकी झील सी आँखों में झांककर जवाब दिया, "उनमें और मुझमें, बस इतना सा फ़र्क़ है कि वो आपकी खूबसूरत आँखों में खो जाना चाहते है और मैं आपकी इन आँखों में खुद को ढूँढना चाहता हूँ।" उसने कुछ जवाब ना दिया, बस खामोशी से एकटक मुझे देखती रही।

"कल शाम 8 बजे तैयार रहना और वो रेड ड्रेस पहन कर आना जो तुमने न्यू ईयर की पार्टी में पहनी थी," ये कहते हुए मैं वहाँ से चल दिया।

कल होने वाली मुलाक़ात की खुशी मुझे अभी से गूसबम्पस दे रही थी।

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