Tuesday 31 October 2017

Ravindra Gangwar quote

सुना है अब भी वो मुझको याद करते हैं!
जो कभी हमारे होना नहीं चाहते!!

ना जाने क्यों इक उलझन सी है उनमें!
बिना मेरे वो भी कहां चैन पाते!!

इक आवाज़ दबी सी है उनकी इस खामोशी में!
जिससे वो भी अब मुस्करा नहीं पाते!!

कहीं ना कहीं उनको भी गम है मुझसे दूर होने का!
जिसके बिना अब हम भी जी नहीं पाते!!
    

No comments:

Post a Comment