Tuesday 5 September 2017

कभी तो प्यार पनपता होगा

कभी तो प्यार पनपता होगा,
तुम्हारे दिल के किसी कोने में,
जब तुम भी तन्हाई में रोते होंगे,
लेकर पल्लू को घर के कोनें में,

कभी तो तबीयत ख़राब होती होगी,
आँखें मूंदकर रातभर सोने में,
उस सुबह इंतज़ार तो रहता होगा,
वो दिख जाये किसी गली कोने में,

कभी तो प्यार पनपता होगा,
तुम्हारे दिल के किसी कोने में,

कभी तो सोचा होगा मुड़कर देखु,
क्यों धड़क रहा है आज दिल सीने में,
मेरा जिया क्यों नहीं मुस्काता है अब,
दुनिया भर के खेल खिलोनो में,

कभी तो प्यार पनपता होगा,
तुम्हारे दिल के किसी कोने में,

कभी तो बातें हसाती भी होगी मेरी,
जब होती होगी नमी, आँखों के कोनो में,
दिन तो तुम्हारा भी निकल जाता होगा,
पन्नो को उथल पुथल कर, रख किताब कोने में,

कभी तो प्यार पनपता होगा,
तुम्हारे दिल के किसी कोने में,

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